Patrika Gate-गुलाबी नगरी की एक और खूबसूरत धरोहर ||

 PATRIKA GATE

Latest News | Rajasthan   की राजधानी  Jaipur यानि गुलाबी नगरी (Pink City)  , ना  केवल  भारत  बल्कि पुरे विश्व   के खूबसूरत शहरो में  एक हैं  | Jaipur को  6 July ,2019 को विश्व धरोहर कमेटी की 43 बैठक के दौरान UNESCO    द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था , जो की जयपुर  और पुरे भारत के लिए गौरव की बात हैं  | 

इसी कड़ी में Jaipur की खूबसूरती  को और भी बढ़ाने के लिए एक और भव्य तथा खूबसूरत Gate का निर्माण किया गया है , जिसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा online माध्यम से मंगलवार को किया गया | Jaipur Airport को Wallcity से जोड़ने वाले   Jawahar Lal Nehru मार्ग पर बने इस Gate  को पुरे राजस्थान की कला ,संस्कृति और वास्तुशिल्प को धयान में रखते हुए बनाया गया हैं | 

Patrika Gate

Patrika Gate  निर्माण जयपुर विकास प्राधिकरण के  मिशन अनुपम के तहत राजस्थान पत्रिका ग्रुप  द्वारा किया गया हैं  |  इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने Patrika  Group के Chairman गुलाब कोठरी रचित 'संवाद उपनिषद ' और 'अक्षर यात्रा ' का विमोचन भी Virtually किया | इस लोकार्पण कार्यक्रम में  Governor कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री Ashok Gehlot भी शामिल थे  | 

इस शुभ अवसर पर मोदी जी ने कहा -" किसी भी समाज में समाज का शिक्षित वर्ग ,समाज के लेखक या साहित्यकार पथप्रर्दशक की तरह होते है तथा समाज के शिक्षक होते हैं | स्कूली शिक्षा तो ख़तम हो जाती है लेकिन सिखने की प्रक्रिया तो पूरी उम्र चलती हैं इसमें सबसे ज्यादा योगदान  पुस्तकों और लेखकों का हैं | आंतररष्ट्रीय  स्तर पर भारत की स्थिति मजबूत हुई हैं ,ऐसे में बहरतीय मीडिया को भी गलोबल होने की जरूरत हैं | " 

Pink City Jaipur के बेजोड़ स्थापत्य में पहले से ही 8 दरवाजे मौजूद हैं | Jaipur  की बसावट के समय से ही यह 7 दरवाजे बने हुए हैं -
1. किशनपोल 
2.चांदपोल
3. सूरजपोल 
4. गंगापोल 
5. शिवपोल (सांगानेरी गेट )
6. घाटगेट 
7. जोरावर सिंह गेट 

सवाई मान सिंह  ने शहर का 8th गेट चौड़ा रास्ता पर Newgate बनवाया था और ऐसी कड़ी में अब गुलाबीनगरी का 9 वां गेट ,Ptarika Gate बनाया गया हैं | हालाँकि ऐसा गेट का नाम ही गेट हैं ,शहर का बाकि दरवाजो की तरह इसके निचे से वाहनों के आने जाने का रास्ता नहीं हैं | 

 
जयपुर को लेकर यूनेस्को ने जो नज़रिया अपनाया, उसके अनुसार जयपुर की सिटी प्लानिंग, उसके पुरातात्विक महत्व और स्थापत्य कला को ध्यान में रखा गया |  कहा गया कि इस शहर के निर्माण में प्राचीन हिंदू विचारों के साथ आधुनिक मुगल और पश्चिमी संस्कृति का मिश्रण बखूबी हुआ है और इसका महत्व बना हुआ है  |  कुल मिलाकर जयपुर को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने पर हुए विचार के दौरान पाया गया कि जयपुर दूसरे, चौथे और छठे पैमानों पर खरा उतरा  | 

एक बार फिर जयपुर के निवासी होने का गर्व महसूस हो रहा हैं | गुलाबी नगरी हमेशा से ही देशी और विदेशी  पर्यटकों का सबसे मनपसंद स्थान रहा हैं | अब इसी कड़ी में एक और आकर्षण स्थान का निर्माण  कर दिया गया हैं | 

 





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