Divya Corona Kit |
Latest News | दुनियाभर में coronavirus यानी कोविड 19 कहर बरपा रहा है। तकरीबन पूरी दुनिया बंद जैसी स्थिति में है । लाखों मौतें हो चुकी हैं । बहुत से देश इस कोशिश में लगे हैं कि coronavirus नाम की इस महामारी का इलाज या इसकी कोई दवाई ढूंढ ली जाए । लेकिन चिंता की बात यह है कि अभी तक किसी को सफलता नहीं मिली ।
Coronavirus पर नियंत्रण पाने के लिए पूरी दुनिया माथापच्ची कर रही है। कई देशों के वैज्ञानिक इसके वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं, लेकिन इस बीच वैज्ञानिकों के हवाले से एक रिपोर्ट आई है, जिसमें कहा गया है कि वैक्सीन बन भी जाए तब भी हो सकता है कि कोरोना वायरस कभी खत्म न हो। जैसे एचआईवी, चिकेनपॉक्स, मीजल्स आदि हैं।
वाशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, महामारी रोग के विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 के लंबे समय तक बने रहना अमेरिका के अगले चरण की महामारी के शोध के लिए अहम होगा।
लेकिन इस तनाव के माहौल के बीच India से एक बेहद अच्छी खबर आ रही है |
Yog Guru Baba Ramdev ji ने आज कोविड-19 के इलाज के लिए 'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' को लॉन्च कर दिया। कोरोना की पहली आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल के लॉन्चिंग के मौके पर बाबा रामदेव ने दावा किया कि इस दवा का जिन मरीजों पर corona virus vaccine trial किया गया, उनमें 69 फीसदी मरीज केवल 3 दिन में पॉजीटिव से निगेटिव और सात दिन के अंदर 100 फीसद रोगी कोरोना से मुक्त हो गए। दवा का प्रयोग 280 लोगों पर किया गया।
रामदेव ने कहा कि हमारी दवाई का सौ फीसद रिकवरी रेट है और शून्य फीसदी डेथ रेट है। भले ही लोग अभी हमसे इस दावे पर प्रश्न करें, हमारे पास हर सवाल का जवाब है। हमने सभी वैज्ञानिक नियमों का पालन किया है।
बता दें patanjali आयुर्वेद की औषधि 'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' का कोविड-19 मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल के परिणामों की घोषणा आज patanjali योगपीठ हरिद्वार में योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने की। इस मौके पर बाबा रामदेव ने कहा कि पूरा देश जिस क्षण की प्रतीक्षा कर रहा था कि कहीं से इसकी दवा मिल जाए। उन्होंने ने कहा कि आयुर्वेद की पहली दवा patanjali ने बना ली है, जो क्लीनिकल कंट्रोल्ड ट्रायल के बाद आज लॉन्च होने के लिए तैयार है।
पतंजलि योगपीठ के मुताबिक कोरोना टैबलेट पर हुआ यह शोध पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट हरिद्वार और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस जयपुर के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। इस दवा का निर्माण दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड हरिद्वार में किया जा रहा है। इस दौरान वैज्ञानिकों की टीम, शोधकर्ता और चिकित्सक भी मौजूद है। कुछ दिन पहले आचार्य बालकृष्ण ने दावा किया था कि पतंजलि अनुसंधान संस्थान में पांच माह तक चले शोध और चूहों पर कई दौर के सफल परीक्षण के बाद कोविड-19 की आयुर्वेदिक दवा तैयार करने में सफलता मिली है। इसके लिए जरूरी क्लीनिकल केस स्टडी पूरी हो चुकी है, जबकि क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल अपने अंतिम दौर में है।
क्या-क्या है दवा में शामिल-
आचार्य बालकृष्ण के अनुसार दवा में अश्वगंधा, गिलोय, तुलसी, श्वसारि रस व अणु तेल हैं। यह दवा अपने प्रयोग, इलाज और प्रभाव के आधार पर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी प्रमुख संस्थानों, जर्नल आदि से प्रामाणिक है। अमेरिका के बायोमेडिसिन फार्माकोथेरेपी इंटरनेशनल जर्नल में इस शोध का प्रकाशन भी हो चुका है।
भारत में कोरोना की कई दवाएं मौजूद -
देश में कोरोना के इलाज के लिए अबतक मुख्य रूप से तीन दवाएं- सिप्रेमी, फैबीफ्लू और Covifor इस्तेमाल हो रही हैं। सिप्रेमी और Covifor एंटीवायरल ड्रग रेमडेसिवीर के जेनेरिक वर्जन हैं। वहीं फैबीफ्लू में इन्फ्लुएंजा की दवा Favipiravir का जेनेरिक रूप है। इन तीनों को हाल ही में अप्रूवल मिला है।
ऐसे काम करती है ये दवा -
आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक दिव्य कोरोनिल टैबलेट में शामिल अश्वगंधा कोविड-19 के आरबीडी को मानव शरीर के एसीई से मिलने नहीं देता। इससे संक्रमित मानव शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं में प्रवेश नहीं कर पाता। वहीं गिलोय भी संक्रमण होने से रोकता है। तुलसी का कंपाउंड कोविड-19 के आरएनए-पॉलीमरीज पर अटैक कर उसके गुणांक में वृद्धि करने की दर को न सिर्फ रोक देता है, बल्कि इसका लगातार सेवन उसे खत्म भी कर देता है। वहीं श्वसारि रस गाढ़े बलगम को बनने से रोकता है और बने हुए बलगम को खत्म कर फेफड़ों की सूजन कम कर देता है।
इससे पहले भी दुनिया भर में वैक्सीन निर्माण का दवा किया जा चुका ।
उम्मीद है कि यह वैक्सीन कारगर साबित हो , और जिंदगी फिर से पहले की तरह पटरी पर दौड़ने लगे ।।
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