Lighting Strikes |
Latest News | मानसून का आगमन हो चुका हैं | जहाँ कई इलाको में बारिश होने से राहत मिली हैं वहीं Bihar ,uttar pradesh में आंधी-तूफान से जान-माल का भरी नुकसान हुआ हैं |
बंगाल की खाड़ी में चक्रवात उठने से bihar में एक बार फिर मानसून सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग ने अगले 72 घंटे के लिए भारी बारिश का हाई अलर्ट जारी किया है। बता दें कि गुरुवार से लेकर आज अभी तक प्रदेश में 100 से ज्यादा लोगों की वज्रपात से मौत की सूचना है, साथ ही कई लोग झुलस गए हैं जिनका इलाज चल रहा है। वहीं कई लोगों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। आज सुबह शेखपुरा में वज्रपात से एक चरवाहे की मौत हो गई है।
ट्वीट कर पीएम नरेंद्र मोदी ने मृतकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है वहीं bihar के मुख्यमंत्री ने भी गहरा दुख जताया है और राज्य सरकार की तरफ से मृतकों के परिवार को मुआवजा देेने का भी एेलान किया है।
वहीं मौसम विभाग के मुताबिक शुक्रवार को भी राज्य में भारी बारिश होने के आसार हैं। खासकर उत्तरी बिहार के अधिकांश जिलों में जमकर बारिश होगी। इन जिलों में भारी बारिश के साथ ही वज्रपात की भी संभावना व्यक्त की गई है।
मौसम विभाग ने की है अपील, बारिश के समय घर से ना निकलें-
शुक्रवार को भी कई जिलों में भारी बारिश के आसार हैं और मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे घरों से बाहर न निकलें। 26 जून को जिन जिलों में भारी बारिश व वज्रपात की आशंका व्यक्त की गई है, इनमें 18 जिलों में खास तौर पर एहतियात बरतने की सलाह दी गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, bihar के 18 जिलों में आज भारी बारिश की चेतावनी है। प्रभावित होने वाले जिले हैं- पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, सारण, मधुबनी, सुपौल, अररिया, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, किशनगंज एवं कटिहार हैं। इन जिलों में मौसम विभाग ने लोगों को उचित सावधानी एवं सुरक्षा उपाय बरतने की सलाह दी है।
पीएम मोदी ने व्यक्त की संवेदना-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी bihar और uttar pradesh में बरपे इस आसमानी कहर में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है और इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकारों से राहत कार्य तत्पतरता से करने की बात कही है।
राज्य सरकार देगी चार लाख का मुआवजा
सरकारी आंकड़ों के अनुसार वज्रपात से मृतकों की संख्या अबतक 83 है, हालांकि आंकड़े ज्यादा हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए मृतकों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये अनुग्रह अनुदान देने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि सभी लोग खराब मौसम में पूरी सतर्कता बरतें। खराब मौसम होने पर बिजली गिरने से बचाव के लिए आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए सुझावों का अनुपालन करें और खराब मौसम में घरों में रहें और सुरक्षित रहें।
मानसून में वायुमंडलीय असंतुलन से भी वज्रपात
वज्रपात का दूसरा कारण वायुमंडलीय उथल-पुथल है। यानी, वायुमंडल में असंतुलन पैदा होना। जब वायुमंडल में ऐसा होता है, तब इस तरह की स्थिति उत्पन्न होती है। प्रीमानसून या मानसून के शुरुआती दौर में ऐसी स्थिति बनती है। इस वर्ष ठनका गिरने की घटनाएं कुछ ज्यादा हो रही हैं।
बरतें एहतियात, बारिश के दौरान घर से न निकलें-
पटना मौसम केंद्र के निदेशक विवेक सिन्हा का कहना है कि वर्तमान में बारिश के दौरान लोगों को घर से बाहर निकलने से परहेज करना चाहिए। इस दौरान बिजली गिरने की आशंका रहती है। कोशिश करें कि पक्के घर में सुरक्षित रहें। बारिश के दौरान प्राय: लोग खुले में पेड़ों के नीचे छिपने की कोशिश करते हैं। हरे पड़े बिजली के लिए अत्यंत सुचालक होते हैं। ये बिजली को अपनी ओर तेजी से आकर्षित करते हैं। इसलिए अक्सर देखा जाता है कि पेड़ों पर बिजली गिरती है। ऊंचे पेड़ पहले उसके शिकार होते हैं।
बिजली कड़के तो खुले में मोबाइल का इस्तेमाल न करें-
मौसम विभाग के विशेषज्ञों का कहना है कि बिजली कड़कने के दौरान खुले में मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसी स्थिति में मोबाइल से कॉल न करें। मोबाइल को तत्काल स्विच ऑफ कर दें। जब तक आकाश साफ नहीं हो, उसे ऑन न करें। बिजली कड़कने के दौरान मोबाइल का उपयोग करने से सेट में भी गड़बड़ी होने की आशंका रहती है। इसके अलावा विद्युत सुचालक चीजों से दूर रहें तो ज्यादा ठीक है।
क्या करें क्या न करें, जानिए-
- बादलों के गर्जन के समय ऊंचे पेड़ों की शरण न लें। न ही वर्षा से बचने हेतु ऐसा किया जाए। अकेले पेड़ या ऊंची संरचनाओं की शरण हॢगज न ली जाए। मजबूरी हो, तो छोटे पेड़ों के पास रहें।
- खुले आसमान के नीचे अकेले फंस गये हों तो गड्ढों या नीची चट्टानों की ओट लें।
- विस्तृत मैदान में, जहां कोई पेड़ या ऊंची रचना न हो, वहां खड़े रहने की गलती न करें।
- उसी छतरी का इस्तेमाल करें, जिसमें धातु की बजाय लकड़ी का हैंडल लगा हो।
- आसपास कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, जैसे कंप्यूटर, मोबाइल फोन आदि चालू हालत में न रखें।
- बिजली के खंभों और टॉवरों से दूरी बरतें।
- वाहनों से निकल कर तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जायें।
- बिजली चमकने के समय धातु के तारों, खिड़की, ग्रिल आदि से दूर रहें। उस समय बिजली का हर उपकरण बंद रखा जाये।
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