Father Son |
Latest News | कोरोना काल में जहाँ पुलिस के सकारात्मक चेहरे सामने आ रहे है वही एक नकारत्मक पहलु भी सामने आया हैं | Tamil Nadu में Police की हिरासत में रहते बाप - बेटे की मौत , एक बहुत ही दर्दनाक घटना है | Tamil Nadu के तूतीकोरिन में हुई इस घटना के बाद पुलिस पर यातना देने के आरोप लगाए जा रहे हैं | मामले में राजनीती गर्माने के बाद कानून में सुधार की मांग की जा रही हैं ,जो कि बेहद आवश्यक हैं | डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा कि - " कथित तौर पर पुलिस द्वारा दो लोगो को जो यातना दी गयी हैं ये राज्य सरकार द्वारा पुलिस को अपने हाथ में कानून लिए देने जाने का नतीजा हैं | " डीएमके का इस मामले पर कहना हैं कि सरकार ने इस घटना में Tamil Nadu police को कानून अपने हाथ में कैसे लेने दिया ? साथ ही मृतकों के परिवार को 25 लाख देने की घोषणा की हैं |
दरअसल पिता और उसके बेटे को पुलिस ने मोबाइल की दुकान की दुकान खुली रखने के लिए गिरफ्तार किया गया था | निर्धारित समय के बाद भी दुकान खुली रखने के कारण उन्हें हिरासत में लिया गया था | इनके परिजनों का आरोप हैं कि हिरासत में लेने के बाद पिता और बेटे की निर्दयता से पिटाई की गयी थी , जिसके बाद अस्पताल में भर्ती करवाया गया तथा वहां बाप - बेटे ने दम तोड़ दिया | मारतको के परिजन चाहते हैं कि पोलिकर्मियो पाए हत्या का मामला दर्ज करा जाये |
इस घटना के विरोध में तुतीकरीन में दुकाने बंद रखी गयी | इस मामले में 4 पोलिसकर्मिओ को सस्पेंड किया गया हैं | मुख़्यमंत्री ने घटना पर दुःख जताया है लेकिन यातना दिए जाने की बात पर छुपी साधी हैं | cm ने पीड़ित परिवाए को 10 लाख रुपए और नौकरी देने की बात कही हैं | विपक्ष नेता स्टालिन ने विधानसभा में कहा की इस बर्बरता के लिए जो लोग जिम्मेदार हैं उन्हें सख्त सजा दिए जाने की जरूरत हैं और इसमें उनकी पार्टी क़ानूनी सहायता देगी |
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मामले में दुःख जताते हुए कहा कि -" पुलिस द्वारा हिंसा एक जघन्य अपराध हैं | यह विडंबना है की रक्षक ही सोषक बने जा रहे हैं | "
लेकिन दुःख की बात ये हैं कि America के George Floyd के साथ जब पुलिस की बर्बरता सामने आयी थी तो हर किसी ने #BlackLivesMatter campaign के जरिये खूब विरोध प्रदर्शन किया था लेकिन जब ऐसी ही घटना अपने देश में हुई है तब कुछ गिने चुने लोग ही सामने आ रहे हैं , बाकि सब लोगो ने छुपी साध रखी हैं | जब हम अपने देश के मामलो पर बोलने का साहस नहीं कर पाते तो दुनिया की घटना पर कैसे आवाज उठा सकते हैं ?
छोटे से अपराध की सजा इतनी बड़ी तो नन्ही हो सकती ??
दरअसल पिता और उसके बेटे को पुलिस ने मोबाइल की दुकान की दुकान खुली रखने के लिए गिरफ्तार किया गया था | निर्धारित समय के बाद भी दुकान खुली रखने के कारण उन्हें हिरासत में लिया गया था | इनके परिजनों का आरोप हैं कि हिरासत में लेने के बाद पिता और बेटे की निर्दयता से पिटाई की गयी थी , जिसके बाद अस्पताल में भर्ती करवाया गया तथा वहां बाप - बेटे ने दम तोड़ दिया | मारतको के परिजन चाहते हैं कि पोलिकर्मियो पाए हत्या का मामला दर्ज करा जाये |
इस घटना के विरोध में तुतीकरीन में दुकाने बंद रखी गयी | इस मामले में 4 पोलिसकर्मिओ को सस्पेंड किया गया हैं | मुख़्यमंत्री ने घटना पर दुःख जताया है लेकिन यातना दिए जाने की बात पर छुपी साधी हैं | cm ने पीड़ित परिवाए को 10 लाख रुपए और नौकरी देने की बात कही हैं | विपक्ष नेता स्टालिन ने विधानसभा में कहा की इस बर्बरता के लिए जो लोग जिम्मेदार हैं उन्हें सख्त सजा दिए जाने की जरूरत हैं और इसमें उनकी पार्टी क़ानूनी सहायता देगी |
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मामले में दुःख जताते हुए कहा कि -" पुलिस द्वारा हिंसा एक जघन्य अपराध हैं | यह विडंबना है की रक्षक ही सोषक बने जा रहे हैं | "
लेकिन दुःख की बात ये हैं कि America के George Floyd के साथ जब पुलिस की बर्बरता सामने आयी थी तो हर किसी ने #BlackLivesMatter campaign के जरिये खूब विरोध प्रदर्शन किया था लेकिन जब ऐसी ही घटना अपने देश में हुई है तब कुछ गिने चुने लोग ही सामने आ रहे हैं , बाकि सब लोगो ने छुपी साध रखी हैं | जब हम अपने देश के मामलो पर बोलने का साहस नहीं कर पाते तो दुनिया की घटना पर कैसे आवाज उठा सकते हैं ?
छोटे से अपराध की सजा इतनी बड़ी तो नन्ही हो सकती ??
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