हवा के साथ उड गया घर इस परिंदे का ,
कैसे बना था घोस्ला वो तुफान क्या जाने।
पश्चिम बंगाल में बुधवार को 190 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाले विकराल चक्रवात अम्फान के कारण भारी तबाही हुई और तीन लोगों की मौत हो गई। इस बात की जानकारी अधिकारियों ने दी। अधिकारियों के अनुसार चक्रवात आने से पहले पश्चिम बंगाल और ओडिशा में कम से कम 6.58 लाख लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था।
- चक्रवाती तूफान अम्फान का एक हिस्सा जमीन से टकराया, पश्चिम बंगाल में दो की मौत
- अम्फान के ओडिशा तटों के करीब पहुंचने के साथ ही कुछ हिस्सों में तज बारिश और हवाएं
- ओडिशा में सड़कों पर टूटकर गिरे पेड़, 102 किमी की रफ्तार से चलीं हवाएं
- महाचक्रवाती तूफान के मद्देनजर बंगाल-ओडिशा से साढ़े पांच लाख लोगों को इलाके से बाहर निकाला गया
- तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही है, नौसेना के एयरक्राफ्ट तैयार रखे गए हैं
- एनडीआरएफ की 41 टीम प्रभावित इलाकों में है तैनात
- एनडीआरएफ प्रमुख ने कहा, FANI के अनुभव के बाद हमारी तैयारी पूरी
- तटीय इलाकों में 39 आत्म-बचाव और राहत दलों की तैनाती
एनडीआरएफ ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में 39 आत्म-बचाव और राहत दलों की तैनाती की है। ओडिशा के तटीय इलाकों में 20 और 19 टीमों को पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में तैनात किया गया है। एनडीआरएफ की टीमों ने स्थानीय लोगों की सहायता की। उन्होंने अब तक पांच लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है |
- अम्फान चक्रवात की वजह से 5500 मकान क्षतिग्रस्त
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में अम्फान चक्रवात के कारण 5500 घरों को नुकसान हुआ है। इस आपदा में दो लोगों की मौत हुई है, जबकि दो लोग घायल हुए हैं |
अम्फान एक गंभीर चक्रवातीय तूफान की तरह गुजरा। गुजरते वक्त इसकी गति 155 से 165 किमी प्रति घंटे थी, जो बढ़कर 185 तक हो गई। अभी यह सागर द्वीप (पश्चिम बंगाल) के 35 किमी उत्तर पूर्व में हैं। यह कोलकाता से 70 किमी दक्षिण और उत्तर पूर्वी दीघा से 95 किमी दूर है |
पश्चिम बंगाल में अम्फान तूफान के कारण तटीय क्षेत्रों में भारी तबाही हुई। भारी बारिश के की वजह से कोलकाता में सड़कों पर जलजमाव हो गया। चक्रवात की वजह से बड़ी संख्या में पेड़ उखड़ गए।वहीं कच्चे मकानों को भी खासा नुकसान हुआ।अम्फान आज करीब 3:30 और 5:30 बजे के बीच सुंदरबन (पश्चिम बंगाल) में दीघा और बांग्लादेश में हटिया द्वीप के बीच तट पर पहुंचा।
पता नहीं कबतक और कितना नुकसान होना बाकी ??
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