Ganster Vikash Dubey |
Latest News | उत्तरप्रदेश पुलिस के Most Wanted Gangster और कानपूर में 8 पोलिसकर्मियो के हत्यारे , Vikash Dubey जिसे Vikash Pandit के नाम से भी जाना जाता हैं , आखिरकार सलाखों के पीछे पहुंच ही गया | पिछले सात दिनों से up police इसके पीछे खाक छान रही थी , आज बड़े ही फिल्मी अंदाज में इसे उज्जैन महाकाल मंदिर के परिसर से गिरफ्तार किया गया |
Vikash Dubey के खिलाफ पहला Criminal case 1990 में हुआ था तथा 2020 तक उसके खिआफ़ कुल 60 criminal cases दर्ज़ हो चुके हैं | july 2020 तक इसके खिलाफ एक मंत्री की हत्या तथा 8 पुलिसकर्मियो की हत्या का मामला दर्ज़ था | अभी उसके सर पर 5 लाख का इनाम रखा गया था | मीडिया का कहना हैं कि इतने हत्याओं के बाद भी Vikash Dubey हर बार आजाद हो जाता क्यों कि उसके सिर पर बड़े - बड़े नेताओ का हाथ था |
Vikash Dubey उत्तरप्रदेश के चबलपुर ब्लॉक के एक गांव बिकारु का निवासी हैं | अपनी युवावस्था में ही इसने अपनी gang बना ली थी | वह कई आपराधिक गतिविधियों के लिए जिम्मेदार था -जिसमे हत्या और भूमि हतियाने के मामले थे | Vikash Dubey बहुत ही जल्द kanpur के most wanted criminals में से एक बन गया | वह बीजेपी के नेता हरिकिशन श्रीवास्तव के साथ जुड़ा हुआ हैं , जो बहुजन समाज पार्टी में थे | Vikash Dubey 1995 -96 में बसपा में शामिल हुआ तथा बल के साथ काम करके जिला स्तर के चुनाव में जीत हासिल की | उसकी पत्नी ऋचा दुबे ने भी स्थानीय निकाय के चुनाव जीते हैं | Vikash Dubey 2001 में शिवली policstation में भाजपा नेता संतोष शुक्ला ,जो उस समय राज्य मंत्री थे कि हत्या का मुख्य आरोपी था | Vikash Dubey को पहले गिरफ्तार किया गया था लेकिन नेताओ के दबाव के कारण छोड़ दिया गया |
3 जुलाई 2020 को, दुबे और उनके लोगों को गिरफ्तार करने के प्रयास के दौरान, आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई, जिसमें एक पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) भी शामिल था, जबकि सात पुलिस कर्मी घायल हो गए थे। शव परीक्षण रिपोर्ट से पता चला कि डीएसपी की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी, जबकि अन्य पुलिसकर्मियों के पास अलग-अलग हथियारों से कई गोली के घाव थे, जो एक घात का सुझाव देते थे। बाद में पुलिस ने एके -47 राइफल और एक इंसास राइफल सहित अन्य हथियार बरामद किए। कानपुर के IGP ने कहा कि कम से कम 60 लोगों ने पुलिस टीम पर घात लगाकर हमला किया, जिनकी संख्या सिर्फ 30 थी। कॉल रिकॉर्ड से पता चला कि दुबे कई पुलिस वालों के संपर्क में थे, जिन्होंने उन्हें जानकारी लीक की थी। इसके बाद, कानपुर प्रशासन ने अपने घर को उसी बुलडोजर से ढहा दिया, जिसका इस्तेमाल दुबे और उनके लोगों ने घात के दौरान किया था। दुबे और उसके साथियों को गिरफ्तार करने के लिए 25 पुलिस टीमों का गठन किया गया था। दुबे को 9 जुलाई 2020 को मध्य प्रदेश के उज्जैन में पकड़ा गया।
मध्यप्रदेश सरकार ने कुख्यात अपराधी विकास दुबे की गिरफ्तारी का दावा किया हैं लेकिन इस दावे में कितनी सच्चाई है इस पर सवाल उठने लगे है। महाकाल मंदिर से जुड़े सूत्र बताते हैं कि विकास दुबे बड़े आराम से महाकाल मंदिर पहुंचा और खुद अपनी पहचान उजागर करते हुए अपनी गिरफ्तारी दी। खुद विकास दुबे ने भी चिल्ला-चिल्ला कर बताया कि मैं विकास दुबे हूं कानपुर वाला ।
नाटकीय अंदाज में गिरफ्तारी पर उठे सवाल –
गैंगेस्टर विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद अब सियासत भी तेज हो गई है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि यह तो उत्तरप्रदेश पुलिस के एनकाउंटर से बचने के लिए प्रायोजित सरेण्डर लग रहा है। मेरी सूचना है कि मध्यप्रदेश भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के सौजन्य से यह संभव हुआ है। जय महाकाल। इसके साथ कांग्रेस मीडिया सेल के इंचार्ज और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने भी विकास दुबे की गिरफ्तारी को लेकर सरकार पर तंज कसा है।
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